Waqf Board ने किसानों की पैतृक भूमि का दावा किया, तेजस्वी सूर्या ने कहा- भारत संविधान के अनुसार चलेगा, शरिया के अनुसार नहीं
Waqf Board: कर्नाटक के विजयपुर जिले के होनवाड़ा गांव में किसानों की पैतृक भूमि पर वक्फ संपत्ति के दावे को लेकर विवाद बढ़ गया है। शुक्रवार को बेंगलुरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या ने दावा किया कि कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने 1,500 एकड़ भूमि का दावा किया है। उन्होंने कहा कि इस गांव के किसानों को नोटिस भी जारी किए गए हैं, जिसमें इन जमीनों को वक्फ संपत्ति घोषित किया गया है, बिना किसी स्पष्टीकरण के।
तेजस्वी सूर्या ने लगाए गंभीर आरोप
सांसद सूर्या ने आरोप लगाया कि कर्नाटक के वक्फ मंत्री बी.जेड. जामीर अहमद खान ने उप जिला आयुक्त और राजस्व विभाग के अधिकारियों को आदेश दिया है कि 15 दिन के भीतर इन जमीनों को वक्फ बोर्ड के पक्ष में रजिस्टर किया जाए। सूर्या ने कहा कि ऐसा करके वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 के माध्यम से किए जा रहे सुधारों में बाधा उत्पन्न करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रक्रिया में प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों की अनदेखी की जा रही है, जिसमें किसानों को दरकिनार किया जा रहा है और उनकी जमीन को राजस्व खातों में वक्फ बोर्ड के नाम पर रजिस्टर किया जा रहा है।
भारत संविधान और कानून के अनुसार चलेगा
तेजस्वी सूर्या ने स्पष्ट किया कि “भारत संविधान और कानून के अनुसार चलेगा, न कि शरिया या जामीर अहमद खान जैसे मंत्रियों के निर्देशों के अनुसार।” उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि वक्फ बोर्ड को 1955 के वक्फ अधिनियम और 2013 में किए गए संशोधन द्वारा अनंत शक्तियां मिली हैं। वे किसी भी भूमि को वक्फ संपत्ति के रूप में दावा कर सकते हैं। ऐसे कानून बनाकर कांग्रेस ने देश के नागरिकों के साथ धोखा किया है।
वक्फ अधिनियम 1954 क्या है?
वक्फ अधिनियम, 1954 का पारित होना जवाहरलाल नेहरू की सरकार के दौरान हुआ था, जिसका उद्देश्य वक्फ से संबंधित कार्यों को सरल बनाना और आवश्यक प्रावधानों को बनाना था। इस अधिनियम में वक्फ संपत्ति के दावे से लेकर उसकी देखभाल तक के प्रावधान शामिल हैं।
1965 में किया गया संशोधन
इस अधिनियम के अनुसार, 1964 में केंद्रीय वक्फ परिषद का गठन किया गया था, जो अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के अधीन कार्य करता है और वक्फ बोर्डों के कार्यों के मामले में केंद्रीय सरकार को सलाह देता है। 1995 में वक्फ अधिनियम में संशोधन किया गया और हर राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में वक्फ बोर्ड बनाने की अनुमति दी गई।
वक्फ बोर्ड के पास कितनी संपत्ति है?
वक्फ बोर्ड भूमि के मामले में रेल और कैथोलिक चर्च के बाद तीसरे स्थान पर है। आंकड़ों के अनुसार, वक्फ बोर्ड के पास 8 लाख एकड़ से अधिक भूमि है। 2009 में यह भूमि चार लाख एकड़ थी, जो कुछ वर्षों में दोगुनी हो गई है। इनमें से अधिकांश भूमि मस्जिदों, मदरसों और कब्रिस्तानों की है। दिसंबर 2022 तक, वक्फ बोर्ड के पास कुल 8,65,644 अचल संपत्तियां थीं।
ब्रिटिशों ने वक्फ को अवैध क्यों घोषित किया?
वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को लेकर विवाद नया नहीं है। ब्रिटिश राज के दौरान, वक्फ संपत्ति के कब्जे पर विवाद इतना बढ़ गया कि यह लंदन में प्रिवी काउंसिल तक पहुंच गया। इसके बाद, चार न्यायाधीशों की एक पीठ ने ब्रिटेन में बैठकर वक्फ को अवैध घोषित कर दिया। हालांकि, इस निर्णय को ब्रिटिश भारतीय सरकार ने स्वीकार नहीं किया।
किसानों की पैतृक भूमि पर वक्फ बोर्ड का दावा और तेजस्वी सूर्या के द्वारा उठाए गए सवाल यह दर्शाते हैं कि भारत में भूमि और संपत्ति के अधिकारों को लेकर क्या जटिलताएं हैं। यह विवाद केवल कर्नाटक में नहीं, बल्कि पूरे देश में चल रही जटिलताओं का एक हिस्सा है। सरकार को चाहिए कि वह इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी पक्षों की सुनवाई करे और इस समस्या का स्थायी समाधान निकाले।